Gyanesh Bharti IAS officer of 1998 batch of UT Cadre has been relieved by the Government of Delhi enabling him to join as Director in the Ministry of Power, Government of India for five years.
Gyanesh Bharti relieved to join as Director Power
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दमन-दीव विधुत सचिव की काली कमाई 300 करोड़….
संध प्रदेश दमन-दीव के पूर्व विधुत सचिव ज्ञानेश भारती को लेकर कुछ नई बाते सामने आई है, कुछ एसे चोकाने वाले खुलासे सामने आए है जिन्हे सुनकर वर्तमान विधुत सचिव संदीप कुमार भी अपनी कुर्सी खिसकती देखेंगे, और यह भी महसूस करेंगे की निर्णयों अब किसकी बारी है, लेकिन शायद संभलने का समय ही न मिले की क्यों की कहां गया है पुराने कीले की चाहे जितनी हिफ़ाजते कारों,उसकी परते तो खुद्ब्खुद निकल आती है। यही हुआ यहा भी पूर्व विधुत विभाग,विकास विभाग एवं वित्त विभाग के सचिव रह चुके ज्ञानेश भारती की करतूतों से पर्दा उठ रहा है,पर्दा उठ रहा है उन काले कारनामों की काली कमाई से जिस जिन्हे भारती ने अपनी कुर्सी के दम पर कमाई थी करोड़ों की काली कमाई,और कितने करोड़ों की थी यह काली कमाई यह तो सुन कर शायद उनके कान भी सुन्न हो जाए जिन्होने अभी भी काली कमाई का काला जरिया जारी रखा है,तीन सो करोड़ रुपये,आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा हमने 300 करोड़ की काली कमाई की ही बात कहीं है,लेकिन आय यह सोच रहे होंगे आखिर यह आंकड़ा आया कहा से,तो आपके इस सवाल का जवाब भी हम आपको जल्द देंगे,जल्द सुनाएंगे वह सारी रेकोर्डिंग जिसको सुनने के बाद शायद दमन से सभी भ्रष्ट अधिकारियों सीबीआई एक साथ ले जाएगी,और पूछेगी भाई और कितनी कमाई की है जिनके आँकड़े इस रिकॉर्डिंग में नहीं,पूछेगी इस काली कमाई का राज और पूछेगी इस प्रशासन से इतनी लापरवाही का कारण,लेकिन शायद उस वक्त भी इनके पास कोई जवाब न हो जवाब दे भी कैसे करता कोई और भर्ता कोई यह तो रीत है अब इस हाल में कोन करता है और कोन भर्ता यह तो सभी जानते है। लेकिन दमन-दीव के एक आई-ए-एस अधिकारी की काली कमाई का यह सच सुनकर शायद भारत सरकार का गृह मंत्रालय भी जाग जाए जो यहां की शिकायतों की फाइलों को बिस्तर बनाकर मोनमोहन के मोनराज राज से मस्त है,शायद मोदी जी की नींद भी खुल जाए की मिनिमम गवर्नमेंट और मेक्सिमम गवर्नेंस का यही मतलब है तो भाई ऐसी गवर्नेंस किसे चाहिए,यहां की मेक्सिमम गवर्नेंस मेक्सिमम घोटाले कर रही है और मोदी के साथ भाजपा सरकार को कांग्रेस सरकार की कतार की और आगे कर रही है,हो न हो यही आलम रहा तो शायद भाजपा को वही मुह की खानी होगी जो कांग्रेस के हिस्से आई थी,संभलने की जरूरत और समय बार बार नहीं मिलता लेकिन हार लगातार अवश्य मिलती है शायद यह सबक भी कांग्रेस को देख कर लिया जा सकता है। खेर इस मामले में अब गृह मंत्रालय संज्ञान लेगी,या सीबीआई सवंय जाँच शुरू करेगी यह देखने वाली बात है,क्यों की यहां की प्रशासन के वरीय अधिकारियों में तो यह कुबत दिखाई नहीं देती की वह अपने साथियों को सलाखों के पीछे डाले।